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आंखों में गम का समंदर भरा है,
तुम अश्कों को बहा क्यों नहीं देते
ठीक नहीं तुम्हारा यूं ख़ामोश रहना,
दिल में जो है, बता क्यों नहीं देते
गर शब्द बेदख़ल हैं आवाज़ से,
काग़ज़ पर उन्हें उखेर क्यों नहीं देते
-हरीश ( @Harish_cso
०९/१२/२०२१
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