
मै प्रेम हूँ, मैं प्रीत हूँ,
मनमीत हूँ, संगीत हूँ,
मैं आश हूँ, विश्वास हूँ,
मैं मुक्ति हूँ, मैं मोक्ष हूँ
मैं संघर्ष हूँ, उत्कर्ष हूँ,
संकल्प हूँ, निष्कर्ष हूँ,
मैं जीत हूँ, मैं हार हूँ,
मैं चीख हूँ, पुकार हूँ,
मैं पीड़ हूँ, आनंद हूँ,
मैं शांत हूँ, अशांत हूँ,
मैं धरती हूँ, आकाश हूँ,
मैं सृष्टि हूँ, विनाश हूँ,
मैं सूर्य हूँ, मैं चंद्र हूँ,
मैं ग्रह हूँ, नक्षत्र हूँ,
मैं शास्त्र हूँ, मैं शस्त्र हूँ,
हर कण में हूँ, सर्वत्र हूँ,
मैं जन्म हूँ, मैं मृत्यु हूँ,
मैं धर्म हूँ, मैं सत्य हूँ,
मैं यज्ञ हूँ, मैं कर्म हूँ,
मैं ॐ हूँ, मैं ब्रह्म हूँ,
मैं शिव हूँ, मैं शक्ति हूँ,
मैं अर्चना, मैं भक्ति हूँ,
मैं आरम्भ हूँ, प्रारम्भ हूँ,
मैं अखण्ड हूँ, प्रचण्ड हूँ,
मैं वेद हूँ, पुराण हूँ,
मानस मैं,गीता सार हूँ,
मैं राम हूँ, घनश्याम हूँ,
आकार हूँ, साकार हूँ,
मैं आदि हूँ, मैं अंत हूँ,
मैं असीम हूँ, मैं अंनत हूँ
#स्वरचित-हरीश विद्रोही
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