
Share0 Bookmarks 180 Reads0 Likes
स्त्री क़ो बंदिश में रखने वाला,
कभी कोई...,
पुरुष पुरुषार्थ हुआ नहीं,
कुछ यसस्वी रावण जैसे,
त्रिलोक विजेता, विद्वान् महावीर हुए,
जिनके मान सम्मान का कारण,
पंचकन्या माता मंदोदरी हुई,
उसी तरह रावण के अधम नीच कृत्यो से,
उसके नाश का कारण माँ भारतेशवरी सीता हुई,
क्यूंकि स्त्री सृष्टि है प्रकृति है,
स्त्री आरम्भ है तो अंत भी है
क्यूंकि स्त्री उदय का कारण है,
तो कही पतन का भी कारण है
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments