ग़ज़ल's image
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मैंने सपने में उसको मरते देखा है
मतलब अब वो ज़ालिम औ जीने वाला है

वो थोड़ी थोड़ी अब उखड़ी सी लगती है
लगता उसका ये दर्द महीने वाला है

है ग़म ओ गुरबत ऊपर बरसात मुबारक़
आज ये मौसम तो रज के पीने वाला है

ये अलमारी और किताबें देख रही हो

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