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युद्ध जब भी हुए,
युद्धों का गवाह बनीं
इतिहास की किताबें ।
क्योंकि
जो युद्ध में तबाह हुए
तबाही देखने के लिए
उनकी आंखें नहीं बचीं ।
और जो जीत गए
विजय पताका फहराने को
उनके हाथ नहीं मिले ।
जिन युद्धपोतों से लड़ी गई जंग
वो सजा दिए गए
संग्रहालयों में।
जो वीरगति को प्राप्त हुए
वो नाम खरोंच दिए गए
स्मारकों पे ।
और जो शासक विजयी हुए
वो चले शहंशाह की तरह
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