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दिल की आवाज़ जो सुन नही सकता,
कुंठाओ के बन्धन से निकल नही सकता।
जिनको हवाओं के साथ चलता है,
वो कभी भी मेरे साथ चल नही सकता।
©गोपाल भोजक
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दिल की आवाज़ जो सुन नही सकता,
कुंठाओ के बन्धन से निकल नही सकता।
जिनको हवाओं के साथ चलता है,
वो कभी भी मेरे साथ चल नही सकता।
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