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मेरे शेर तुम्ही से है,
दुनियां मेरी तुम्ही से है।
मन भँवरे का हवा-उजाला,
कली फूल तुम्ही से है।
दिन भर थके तन मन की,
गहरी नींद तुम्ही से है।
मेरे अधूरे जीवन की,
पूर्णता सिर्फ तुम्ही से है।
©गोपाल भोजक
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