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हाले दिल लिखता रहा वो फिर भी अनजान रहे,
मेरे ख़त के लफ़्ज़ों की उनसे न तहरीर हुई।
©गोपाल भोजक
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हाले दिल लिखता रहा वो फिर भी अनजान रहे,
मेरे ख़त के लफ़्ज़ों की उनसे न तहरीर हुई।
©गोपाल भोजक
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