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मौत के बाद जल के ख़ाक हो जाऊंगा मैं,
फिर खिल के गुलज़ार हो जाऊंगा मैं,
सजाया जाऊंगा किसी रोज ज़ुल्फ़ में तेरी,
फिर से एक बार आबाद हो जाऊंगा मैं।
©गोपाल भोजक
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मौत के बाद जल के ख़ाक हो जाऊंगा मैं,
फिर खिल के गुलज़ार हो जाऊंगा मैं,
सजाया जाऊंगा किसी रोज ज़ुल्फ़ में तेरी,
फिर से एक बार आबाद हो जाऊंगा मैं।
©गोपाल भोजक
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