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मेरा दोस्त
मेरा दोस्त बहुत प्यारासा है
बिल्कुल छुई मुई जैसा है
उम्र होगी जवां १६ साल जैसे
प्यार ना होना मुश्किल था उससे
उसके रास्ते मेरे रास्ते शाय़द अलग थे
किस्मत में शायद साथ ना लिखा था
उसने कहां और मैंने कहां जाना था
ये तकदीर कोभी शायद पता न था
अब इतना लंबा अर्सा गुज़र गया
जैसे सौ सालोंका जमाना बीत गया
उसका प्यारापन सादापन बरकरार रहा
मेरा प्यारभी कम नहीं हुआ बरकरार रहा
मेरे दिलसे वो कभी जुदा न हुआ
यादोंकी कड़ी में वो जैसे बन्धा रहा
इस बार साथ नसीब ना हुआ, पर कभी तो होगा
इस जनम नहीं तो अगले जनम में जरूर होगा
वो जहां भी रहे मैं जहां भी रहूं
मैं और कुछ ना मांगू कुछ ना चाहूं
खुदा उसे हर खुशी खुशहाली बक्शे
हर वक्त उसके लिए मैं यही दुआ करू
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