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मैं पैरों पर अपने अभी नहीं खड़ा हूं ,
अभी बच्चा हूं मैं अभी नहीं बड़ा हूं ,
सपने है बहुत लेकिन सपनों को व्यर्थ समझता हूं ,
मेहनत पर विश्वास है मेहनत करता हूं ,
मेरे सपने सीमा बनाते हैं
मैं सीमाओं को तोड़ जाता हूं ,
पर अभी भी बेचैन रहता
बस कहता नहीं सहता हूं ,
चुनौतियां कमे तब कुछ नया करूं
चुनौतियां ही जीवन थी , है और रहेगी
इसके बिना तो मुर्दा हूं।
अभी बच्चा हूं मैं अभी नहीं बड़ा हूं ,
सपने है बहुत लेकिन सपनों को व्यर्थ समझता हूं ,
मेहनत पर विश्वास है मेहनत करता हूं ,
मेरे सपने सीमा बनाते हैं
मैं सीमाओं को तोड़ जाता हूं ,
पर अभी भी बेचैन रहता
बस कहता नहीं सहता हूं ,
चुनौतियां कमे तब कुछ नया करूं
चुनौतियां ही जीवन थी , है और रहेगी
इसके बिना तो मुर्दा हूं।
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