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मैं वो हूँ जो बिखरकर जुड़ा है
कैसे अब बिखरा हुआ रह जाऊँ,
माँ को भी तो तसल्ली देनी है
और हाँ जो कहते हैं ये बात
कि तुम मोहब्बत में बर्बाद हो चुके हो,
कोई उन्हें जाकर ये बतला दे
कि मेरी पहली मोहब्बत ही मेरी माँ है
- गजेन्द्र सिंह (अलिख)
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