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मेरी आँखों मे मुनव्वर है वो चेहरा अब तक
नूर दिखता है वो आँखों मे हया थी जिनकी
फ़ैसले करना बहुत सोच समझ कर अब तुम
रुख़्सती हो गयी साया था दुआ थी जिनकी
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मेरी आँखों मे मुनव्वर है वो चेहरा अब तक
नूर दिखता है वो आँखों मे हया थी जिनकी
फ़ैसले करना बहुत सोच समझ कर अब तुम
रुख़्सती हो गयी साया था दुआ थी जिनकी
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