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जैसे इस वक्त को देखा है ,
वैसे उस वक्त को भी देखेंगे
आज है दुनिया तेरे चारो तरफ
पर कब तक रहती है हम देखेंगे
तू बड़ा आज लाख तके का ,
मैं अदना तनहा मुफ़लिस
तू आज आयत मस्जिद का ,
मैं फ़कीर किसी दरगाह का
पर कब तक करते है
लोग तेरी इबादत हम देखेंगे
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