तेरी परवाह...'s image
Poetry1 min read

तेरी परवाह...

Dr. SandeepDr. Sandeep June 9, 2022
Share0 Bookmarks 58602 Reads2 Likes

काश तुम्हारी यादों को मैं यूँ भुला पाता

काश अपना ये ज़ख़्म-ए-दिल मिटा पाता..

---

करता हूँ आज भी उतनी ही परवाह तेरी

काश इतना कहने की हिम्मत जुटा पाता..

---

कितना प्यार है कहो तो दिल चीर दिखा दूँ 

काश तूझे अपना दर्द-ए-दिल दिखा पाता..

---

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts