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दिल के लिए वो पैग़ाम-ए-हयात हो गई
आज अगर वो हर ख़ुशी में मेरे साथ हो गई..
गलत सुना था कि इश्क आँखों से होता है
यहां उसकी क़लम मेरी ग़मों की ईलाज हो गई..
हम तो उनके लफ़्जों पर ही दिल हार बैठे है
मन ही मन में वो सब कुछ मेरे यार हो गई..
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