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रूठे यार को मनाना मुश्किल...
ख़्वाबों को ख़्वाहिशों का लिबास पहनाए बैठा हूँ
इश्क़ के इम्तिहान में अपना सबकुछ लुटाए बैठा हूँ..
हैरान हूँ तेरे इंतज़ार भरे सब्र का पैमाना देखकर
तेरे लफ़्ज़ों पर ऐसे ही नहीं मैं दिल लगाए बैठा हूँ..
सुन बे-वजह मुँह मोड़ रूठ कर बैठ जाने वाली
मैं अभी तक तेरी तस्वीर दिल से लगाए बैठा हूँ..
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