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तेरे जाने से बिखर गई ज़िंदगी मेरी
मौत से भी बदतर बन गई ज़िंदगी मेरी..
टूटी सी ज़िंदगी को समेटने की चाहत में
टुकड़ों में तितर-बितर गई ज़िंदगी मेरी..
जब बिख़री हुई ज़िंदगी को निकला सुलझाने
तो बेहिसाब सवालों में उलझ गई ज़िंदगी मेरी..
लोग कहते हैं ज़िंदगी क़िस्मत से चलती है
पर क़िस्मत के चक्कर में गुम गई ज़िंदगी मेरी..
ख़ुदा ना करे ये ज़िंदगी कभी किसी को दगा दे
जीते जी ही सज़ा-ए-मौत बन गई ज़िंदगी मेरी..!!
#तुष्य
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