फ़िर मिलेंगे...'s image
Poetry1 min read

फ़िर मिलेंगे...

Dr. SandeepDr. Sandeep April 25, 2023
Share0 Bookmarks 67349 Reads3 Likes

हो सके तो फ़िर मिलना वैसे ही अनजान बनकर

फ़िर साथ जिएंगे नई जिंदगी एक जान बनकर..

---

मिलेंगे एक रोज़ फ़िर किसी नदी के किनारे हम

मुश्किलों में रहेंगे खड़े दोनों चट्टान बनकर..

---

फ़िर तुम हाथ थामे रहना वैसे ही ज़िंदगीभर मेरा

मैं रहूँगा साथ हमेशा तेरे निगहबान बनकर..

---

बन कर साया चलना साथ मेरे तू उसी तरह

मैं हरपल साथ निभाऊँगा

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts