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मेरा दिल सूफियाना और मिज़ाज आशिक़ाना
तेरी नज़्मों ने बनाया कुछ यूँ अपना दीवाना..
मुझ अहल-ए-क़लम पर थोड़ा तो तरस ख़ाते
तेरी इन अदाओं पर मेरा दिल हुआ काफ़िराना..
सुने तुमने क्या दुनिया में फ़ैले हमारे क़िस्से
मेरे इश्क़ भी कहानी और तेरे हुस्न भी फ़साना.. No posts
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