
मेरी जायदाद
बहुत पैसे वाली तो नहीं
पर हूँ बहुत धनी मैं
जायदाद है मेरी
ख़ुदा की रहमत
बड़ों का आशीर्वाद
उनके दिए संस्कार
उनका ढेर सारा प्यार
जायदाद है मेरी
मेरा परिवार मेरे अपने
वो प्यारे रिश्ते
जिनको मैंने दिल की डोर से
पिरो कर सहेज रखा है
जायदाद है मेरी
ज़िंदगी के वो हसीन लम्हे
जो अपनों के साथ बिताए
जिनकी ख़ुशबू से
मेरा जीवन महकता रहा है
जायदाद है मेरी
चित्रकारी और कलाकृतियाँ
जिनके ज़रिए मैं बहुत कुछ कहती हूँ
जो अपनों के घर की शोभा बढ़ाती हैं
ग़रीब बच्चों को पढ़ाने के लिए
कभी कभी काम आती हैं
जायदाद है मेरी
दिल से लिखी लेखनी
जिसके ज़रिए कागज का श्रृंगार कर के
लोगों तक अपने जज़्बात पहुँचाती हूँ
जायदाद है मेरी
मेरी मुस्कुराहटें
जो घर के हर कोने में नज़र आती हैं
मेरी मस्ती मेरी शोख़ी
जो मेरी हर अदा में दिखाई देती है
जायदाद है मेरी
मेरा स्वाभिमान
जो मेरा गहना है
उसी का मैं श्रृंगार करती हूँ
जायदाद है मेरी
मेरा साफ़ मन
इतना साफ़ की आईने में
ख़ुद से आँखें मिला कर
घण्टों बातें कर सकती हूँ
डा॰ अपर्णा प्रधान
मेरे शब्द मेरी पहचान
(C) स्वरचित, सर्वाधिकार सुरक्षित
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