लहरें
क्या यही लहरें हैं...
जो नज़ाकत से पैरों का स्पर्श कर के
होले से गुदगुदा कर चुपचाप चली जाती हैं!
जो साहिल से अठखेलियां कर के
शर्म से पानी पानी हो कर लौट जाती हैं! <
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