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मै जब जब भटकी तेरी राह से ,
तब तब मुझे डर लगा,
पहले से काफी बदल गई मैं,
खुद में काफ़ी असर लगा,
दूर से मौत मंजिल दिख रही है,
शैतान मेरा हमसफर लगा,
जिस रास्ते में चल रही थी मैं,
वही आखिरी डगर लगा।
दिव्या द्विवेदी
यहां तेरी शब्द का प्रयोग ईश्वर के लिए किया है,
और शैतान किसी बुरे इंसान के लिए।
तब तब मुझे डर लगा,
पहले से काफी बदल गई मैं,
खुद में काफ़ी असर लगा,
दूर से मौत मंजिल दिख रही है,
शैतान मेरा हमसफर लगा,
जिस रास्ते में चल रही थी मैं,
वही आखिरी डगर लगा।
दिव्या द्विवेदी
यहां तेरी शब्द का प्रयोग ईश्वर के लिए किया है,
और शैतान किसी बुरे इंसान के लिए।
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