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पैसा कमाना ही मकसद नहीं जिनका,
मकसद है बुलंदियों पर देश को ले जाना।
शख़्स है वो ऐसा एक सपना है जिनका,
भारत के गरीब तबके तक शिक्षा पहुंचाना।
शिक्षक हो तो ऐसा...
क्लास की शुरुआत जिनकी,
जय हिंद के साथ होती है।
सोच नहीं सकते हम सब,
दिल में कितना देशप्रेम है।
शिक्षक हो तो ऐसा...
सादगी व जय हिंद मानो,
जिस शिक्षक की पहचान है।
वो इंसान एक शिक्षक कम,
विद्यार्थीयों के दोस्त ज्यादा लगते है।
शिक्षक हो तो ऐसा...
होंगें जिस दिन देश में,
ऐसी सोच वाले हजारों शिक्षक।
भारत उस समय वाकई में,
फिर से होगा विश्व गुरू शिक्षक।
(खान सर पटना को समर्पित कविता!)
~Dk Megh..
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