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अपने हिस्से कि धूप के लिए उसे रोज लड़ना है
अपने टुकड़े आसमाँ के लिए उसे रोज लड़ना है
जिवन के सारांश में संघर्ष बेशक है
अपना सिर ऊँचा रखने के लिए उसे रोज लड़ना है
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