
पुस्तक: "बॉयफ्रेंड ऑफ़ ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी" (उपन्यास)
लेखक: अश्वथ प्रियदर्शी
प्रकाशक: राजमंगल प्रकाशन
प्रकाशन वर्ष: 2022
पुस्तक प्राप्ति स्थान: Amazon
उपन्यास समीक्षा
उपन्यास में लेखक ने वास्तविकताओं की ज़मीन से भटके युवाओं की मनोदशा का यथार्थ चित्रण किया है जो पाठक को बाँधे रखता है। निरुद्देश्य रहते बढ़ती उम्र, जवाबदारियों का लगातार बढ़ता जाना और फिर गृह-क्लेश का सतत बेसुरा राग! युवा मधुर वचनों को सुनने की तीव्र उत्कंठा लिए मन की शांति की तलाश में परिवार से दूर चले जाते हैं। इस सारगर्भित बिंदु पर लेखक पाठक का ध्यान खींचना चाहता है। छात्र-राजनीति के दुराग्रह और दिशा व दशा की झलक लेखक ने बख़ूबी प्रस्तुत की है। बेरोज़गार युवाओं को राजनीति किस प्रकार 'यूज़ एंड थ्रो' मुहावरे में तब्दील करती है इसका यथार्थ वर्णन पाठक को ठिठककर सोचने पर मजबूर करता है। अंततः युवा पीढ़ी को जीवन की वास्तविकताओं से रू-ब-रू होना पड़ता है और जीविकोपार्जन के साधन विकसित करने होते हैं क्योंकि समय स्वयं एक महान शिक्षक है। परिवर्तनशील समय बड़े से बड़ा मानसिक घाव भर देता है क्योंकि वह एक ही स्थिति में हमें टिकने नहीं देता है। घटनाओं, परिवेश और परिस्थितियों को गुम्फित करते हुए कथानक को वास्तविकता और स्वाभाविकता के वातावरण से भटकने नहीं दिया है लेखक ने। इस उपन्यास को पढ़कर परिस्थितियों के भँवर में उलझा युवा मन अपनी ही कथा मानेगा क्योंकि उपन्यासकार ने युवा मन के कोमल भावों को यथार्थ के धरातल पर सरलता से उतारा है। उपन्यास के पात्र इतने सजीव लगते हैं जैसे वे हमारे आस-पास ही रह रहे हों। कुछेक पात्र दूरदृष्टा हैं जो अपने सदव्यवहार और सद्विचार से सुधी पाठकों के मन-मस्तिष्क में स्थान बना लेते हैं। संवादों में दैनिक जीवन की चिल्ला-पौं से लेकर मुहावरों, लोकोक्तियों को यथास्थान सँजोया गया है। युवा मन के सहारे मानव-चरित्र पर रौशनी डालना और उसके रहस्य को उजागर करते जाना इस उपन्यास की गूढ़ विशेषता है।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments