मैं तुझ जैसी हो जाऊंगी's image
Love PoetryPoetry1 min read

मैं तुझ जैसी हो जाऊंगी

DhirawatDhirawat February 6, 2023
Share0 Bookmarks 31 Reads1 Likes

जब मैं मिलूंगी तुझसे

तुझ में मैं खो जाऊूंगी।

सर्वस्र् मैं खोकर अपना

तुझ जैसी हो जाऊंगी,

मैं तुझ जैसी हो जाऊंगी।


जब गीत बजेंगे बूंद के

मैं नयनों को मूंद के

सोंधी सुगंधी सूंघ के

स्व: भावों में गूंध के

एवं मुझ में तू ढूंढ के

मैं मेघ मल्हार सुनाऊंगी।

हां तुझ जैसी हो जाऊंगी,

मैं तुझ जैसी हो जाऊंगी।


स्वयं पिरोके माल में

मैं तेरे कंठ के हार में

मधुर प्रेम रसधार में

तेरे डूब मधु भंडार में

तेरी बहती जलधार में

मैं आकर मिल जाऊूंगी।

मैं तुझ जैसी हो जाऊंगी

हां तुझ जैसी हो जाऊंगी।


मैं वाणी तेरे कंठ,

तेरे डूब प्रेम आकंठ

तू ही मेरे चार धाम

सान्निध्य तेरा बैकुंठ

मैं मोहिनी तू नीलकंठ

मैं तेरी हो जाऊूंगी

तुझ में मैं खो जाऊंगी

मैं तुझ जैसी हो जाऊंगी

हां तुझ जैसी हो जाऊंगी।

धीरावत

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts