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बहुत मुश्किल होता है जानना
नेता का देश से बड़ा हो जाना
देश से ज्यादा नाम नेता का आना
गली कूचों घर मुहल्लों में छा जाना
जाहां जाहां नज़र घूमती
तस्वीर एक ही नज़र आती
ऊंचा सिर छोड़ी छाती
नेता ही नेता एक ही आकृति
हर तरफ बस नज़र आती
नेता की बफादारी पार्टी तक
विनम्रता मतदान दिवस तक
नेता की यारी शपथ लेने तक
देशभक्ति सिमित भाषणों तक
देश की दौलत घटती जाए
नेता की दौलत बढ़ती जाए
जयकार नेता की होती जाए
हर बात पे जनता मर मिट जाए
देश राजनीति का खिलौना सा
हो गया है कर्जदार किसान सा
हो गया है देश मज़बूर मज़दूर सा
हो गया है देश नेताओं ज़िद के
आगे बेबस सा हो गया है देश
कहाँ खो गया है
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