
Share0 Bookmarks 289 Reads6 Likes
जीवन का मधु जिसने पिया नहीं,
वो जीवन जीना क्या जाने।
जिसने काँटों मे जनम लिया,
वो फूल की खुशबू क्या जाने।
जो प्यार कभी भी किया नहीं,
वो यौवन का सुख क्या जाने।
नफ़रत को जिसने पिया सदा,
वो प्रेम लुटाना क्या जाने।
जीवन का मधु जिसने पिया नहीं,
वो जीवन जीना क्या जाने।
हुस्न के दर्शन किए नहीं जो,
वो इश्क लड़ना क्या जाने।
जो जीवन भर घुंट्ता ही रहा,
वो रंग दीवाली क्या जाने।
होठो से जिसकी मदीरा छलकी,
वो पीर पराई क्या जाने।
जो गुलशन में ही सदा पला,
वो काँटों का दुख क्या जाने।
जीवन का मधु जिसने पिया नहीं,
वो जीवन जीना क्या जाने।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments