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जो पलट कर नहीं देखा किसी ने
वो श्रृंगार किस काम का
जो भेद नहीं सका दिल किसी का
वो आंखों का सुरमा किस काम का
जो बन नहीं पाया फंदा किसी के गले का
वो जुल्फों का मायाजाल किस काम का
वो लबों की ला
वो श्रृंगार किस काम का
जो भेद नहीं सका दिल किसी का
वो आंखों का सुरमा किस काम का
जो बन नहीं पाया फंदा किसी के गले का
वो जुल्फों का मायाजाल किस काम का
वो लबों की ला
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