Share0 Bookmarks 51877 Reads0 Likes
अतीत में छुपे हुए शौर्य को
फिर से जगा रही वह मर्दानी
स्वतंत्रता के संग्राम में
कूद पड़ी वह नारी
कदंबिनी गांगुली
यह नाम नहीं मामूली
पहली भारतीय महिला स्नातक बन
अपनी कलम से आंधी लाई
गुलामी की जंजीरों में
मां भारती को एक पल देख ना पाई
कुछ कर गुजरने का जज्बा
आंखों में लिए तूफ़ान
फिर से जगा रही वह मर्दानी
स्वतंत्रता के संग्राम में
कूद पड़ी वह नारी
कदंबिनी गांगुली
यह नाम नहीं मामूली
पहली भारतीय महिला स्नातक बन
अपनी कलम से आंधी लाई
गुलामी की जंजीरों में
मां भारती को एक पल देख ना पाई
कुछ कर गुजरने का जज्बा
आंखों में लिए तूफ़ान
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments