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मौसम ने करवट खाई
हवाऐं फिर झूम के आई
चमकी बिजली एक दम से जब
देखो बारिश आई
देखो बारिश आई
धरा की जो तपन थी
वो बदल गई नमी में
फिर से तर हो गई खेतों की मिट्टी
जो सुखी थी पानी की कमी से
हरी हो गई पेड़ों की पत्तियां
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