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रास्ता चुनना पड़ा यदि प्रेम में
तो मैं चुनूँगा सबसे लम्बा वाला
कम से कम सुखद यादें तो रहेगी
बिछोह के बाद
बिछोह करवाएगा प्रतिक्षा
प्रतिक्षा तपस्या सी,
कड़ी किन्तु अंत में सुखद फल देगी
पुनः मिलन का
मिलन होगा रोमांचित् करने वाला
खूब बातें होगी
घंटों तक एक-दूजे ताकते हुए
बिना बोले, आँखों से।।
-सुरेन्द्र पंचारिया
तो मैं चुनूँगा सबसे लम्बा वाला
कम से कम सुखद यादें तो रहेगी
बिछोह के बाद
बिछोह करवाएगा प्रतिक्षा
प्रतिक्षा तपस्या सी,
कड़ी किन्तु अंत में सुखद फल देगी
पुनः मिलन का
मिलन होगा रोमांचित् करने वाला
खूब बातें होगी
घंटों तक एक-दूजे ताकते हुए
बिना बोले, आँखों से।।
-सुरेन्द्र पंचारिया
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