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आसान है लिखना
हाँ आसान नहीं है घीसना
घीसकर चंदन की तरह शिवलिंग का अनुराग बनना
ललाट तक पहुँचना
बताता है
काफी नहीं सिर्फ खुशबू का होना
तय करता है घर्षण
यथार्थ रुपी संरचना का आचमन तक पहुँचना
अक्षर-मात्रा-मेल-शब्द
जटिल है तो बस
भाव की कसौटी पर उस एक पल में
संवेदनाओं का पन्नों पर उतरना
शील पर पड़ जाय निशान; संभव है ईकदिनकविताओं के बाग में
तुम्हारा
स्याही बनकर उतरना हाँ स्याही बनकर
........,,..,दामिनी
DaminiQuote
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