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आसान है लिखना
हाँ आसान नहीं है घीसना
घीसकर चंदन की तरह शिवलिंग का अनुराग बनना
ललाट तक पहुँचना
बताता है
काफी नहीं सिर्फ खुशबू का होना
तय करता है घर्षण
यथार्थ रुपी संरचना का आचमन तक पहुँचना
अक्षर-मात्रा
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