Share0 Bookmarks 49876 Reads0 Likes
हे पुरुष! तुम मत लिखना केवल
स्त्री की देह-मात्र पर कविताएँ,
नयन, मृगनयनी लिखने से पहले
झाँकना उनमें झिलमिल स्वप्न-दीप
घने केशों की चंचल लटाओं से पहले,
स्त्री की देह-मात्र पर कविताएँ,
नयन, मृगनयनी लिखने से पहले
झाँकना उनमें झिलमिल स्वप्न-दीप
घने केशों की चंचल लटाओं से पहले,
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments