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*साहित्य में जीवन का सार*
साहित्य के साए में, पूरी होगी खुद की तलाश
अपनी अन्तर्चेतना का, होगा खुद को आभास
मार्ग मिलेगा खुद को, नए विचार पर चलने का
पवित्र दृष्टि से अपने ही, जीवन को बदलने का
अज्ञान अंधकार मिटाएगा, साहित्य का प्रकाश
केवल साहित्य से ही होगा, समाज का विकास
एक ही रचना का दीपक, करेगा पथ को रोशन
मन में नव रचनाओं का, खिल जाएगा गुलशन
चरित्र का चित्रण केवल, साहित
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