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क्या मेरे रहते
किसी से संबंध हो सकता है
मैं तो हर संबंधों में
कूट-कूट कर भरी पड़ी हूं ,
चाहे वह संबंध इंसान से हो
या इस पूरे जगत से
जिन संबंधों में मैं हूं
मैं की पूरी संरचना है ,
वहां संबंध
भूत भविष्य वर्तमान में झूल रहे
देह से बने संबंधियों के बीच में
वह जो अंध मनमुटाव
उसमें झूल रहे
बिना होश के समस्त मानव
जाति के संबंध झूल रहे
आभासी जगत में ,
वही भीतर से बिना देखने वाले के
देख रहा इस आभासी तिलस्म को .....
भावना कुमारी व्यास
27/4/2023
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