Share0 Bookmarks 54717 Reads0 Likes
जब अज्ञेय की दृष्टि मुझ पर पड़ी ?
मैं भी उसी चूहा दौड़ में शामिल हुं
जिस दौड़ के लिए सारी भीड़ जमा हो रखी है ,
कहीं पहुंचना चाहती है
मंच पर , सम्मान पत्र , टॉफी में ,
टीवी की सुर्खियों में ,
न्यूज़पेपर के प्रथम पृष्ठ पर,
देश विदेशों की भीड़ में
मैं भी उसी चूहा दौड़ में शामिल हूं ,
जिस दौड़ में मैं की पूरी संरचना है व्यापारी पन है 
Send Gift
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments