Share0 Bookmarks 218200 Reads0 Likes
"ये रात भी चलती है"
ये रात भी चलती है
पहरों पहर!
ये नितांत निःशब्द सी रात।
निश्चल निशीथ में सिमटी हुई
सुकून बरसाती ये रात।
कभी कोहरे की चादर को ओढ़े हुए
कभी सर्दी को ख़ुद में समेटे हुए
ख़ामो
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments