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सपने में मेरे कॉल प्रियसी की आई थी

Bharat SinghBharat Singh November 5, 2022
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सपने में मेरे कॉल प्रियसी की आई थी 

फफक फफक कर वह रो पड़ी थी 

बोली माफ करना पियाजी 

मैं आपसे बात नहीं कर पाई थी 

आंख तो मेरी भी उस रात भर आई थी


मैंने भी बोल दिया प्रियसी को 

तुम क्या जानो 

तुम्हारे बिन कैसे मैंने रातें बिताई थी

मैं कैसे करता कॉल तुमको 

मना जो तुमने कर दिया था

कैसे बताऊं मैं तुम्हें

कैसे निकले दिन मेरे  

कैसे मैंने रातें बिताई थी


सपने में मेरे कॉल प्रियसी की आई थी

उस रात वह मेरे से जी भर के बतलाइ थी 

वह बोली पिया जी 

सुबह शाम आपके नंबर पर ही

उंगलियां मेरी रहती थी

मजबूर थी मैं ..

नंबर आपका डायल करते ही  

उंगलियां मेरी कांप जाती  

बात नहीं मैं आपसे कर पाती थी 


मैं भी प्रियसी तुम्हारी कॉल के इंतजार में 

फोन को देखते देखते आंखें मेरी पथरा गई

तुम्हारा कॉल ही मुझको तरसाता था&nb

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