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नाना हमारे फौजी हैं
मन के बड़े मौजी है
बच्चों से बड़ा प्यार करते
मनभावन ननिहाल हमारा
अरावली के पहाड़ों की
तलहटी में बसा गांव प्यारा
बसंत ऋतु में जब सरसों के फूल खिलते
लगता धरती मां ने सोने की चुनर ओढ़ ली
राजमार्गों का वहां जाल बिछा है
यातायात वहां सुगम बड़ा है
बहती वहां विकास की बयार
शिक्षा में अव्वल जिला है
बोली में अकड़ दिल में प्यार
दमकता चेहरा हल्की दाढ़ी
मामा में बस्ती जान हमारी
लविंग बर्ड्स मेरे नाना नानी
प्यार में नहीं कोई इनका सानी
नजर ना लगे..
कितने क्यूट मेरे नाना नानी
मनभावन ननिहाल हमारा
अरावली के पहाड़ों की
तलहटी में बसा गांव प्यारा
~ भरत सिंह
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