Share0 Bookmarks 49511 Reads2 Likes
आसूं झूठ नहीं बोलते
देखो मेरी आंखों में
मैं तुम्हारे प्यार में हूं
ढूंढ रहा हूं मैं तुझे तंहा रातों में
लुखा छिपी मत खेलो
आ जाओ तुम सामने
मत सताओ अपने दीवाने को
तन्हा रातों में
ढूंढ रहा हूं मैं तुझे
थार के रेगिस्तान में
मरीचिका के जैसे
आंख मिचौली मत खेलो
मर जाऊंगा प्यासा मैं
आ जाओ तुम पास में
कौन सी मजबूरी है
आ जाओ तुम सामने
आसूं झूठ नहीं बोलते
देखो मेरी आंखों
मैं तुम्हारे प्यार में हूं
ढूंढ रहा हूं मैं तुझे रात के सन्नाट
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments