
Share0 Bookmarks 60 Reads1 Likes
उर्मिला
वो प्रियतम साथ में
उपवन रही वन रही
हर पल हर स्थल
हर सुख दुख कही
मैं विरहाग्नि में
दहती सहती हुई
तिल तिल जली
तिल तिल जगी !!
नाम उसका हरमुख
आजतक प्रथम आया
सीता राम सीता राम
हर मन मंदिर समाया
नाम मेरा हे सखि !!
किसने कहा ? किसने सुना ??
प्रतीक्षारत दीपशिखा सी
द्वार चतुर्दश वर्ष जली !!
थी मांडवी श्रुति कीर्ति भी
वो प्रियतम साथ में
उपवन रही वन रही
हर पल हर स्थल
हर सुख दुख कही
मैं विरहाग्नि में
दहती सहती हुई
तिल तिल जली
तिल तिल जगी !!
नाम उसका हरमुख
आजतक प्रथम आया
सीता राम सीता राम
हर मन मंदिर समाया
नाम मेरा हे सखि !!
किसने कहा ? किसने सुना ??
प्रतीक्षारत दीपशिखा सी
द्वार चतुर्दश वर्ष जली !!
थी मांडवी श्रुति कीर्ति भी
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments