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गुम है ये आसमान रात के अँधेरे में,
ना जाने क्या होगा कल के सवेरे मे,
अनजान बैठे हम यहाँ दुनिया के शोर से,
डर सा लगता है अबतो सुबह की भोर से,
सोइ है दुनिया जागे है हम,
साथ थे जो पंछी युहीं हो गए गुम।
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