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बिता दी सारी रात मैंने,
तेरे घर के पीछे उस खेत में।
मान लिया कि तू मिलने न आ सकती थी,
लेकिन एक बार खिड़की खोलकर तो झांक लेते।।
✍️✍️✍️यादव बाबू
तेरे घर के पीछे उस खेत में।
मान लिया कि तू मिलने न आ सकती थी,
लेकिन एक बार खिड़की खोलकर तो झांक लेते।।
✍️✍️✍️यादव बाबू
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