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क्या है ये जो मन में है
इतना चंचल ? इतनी हलचल?
आज है क्या, क्या होगा कल
जो बीत गया वो भी कल था
जो आएगा वो भी कल होगा
शायद जो मैं आज करूँगा
उसका ही प्रतिफल होगा
सबकुछ क्यूँ है धुँधला सा
जैसे फिर से पहला पहला सा
उलझन इतनी क्यूँ जीवन में है
क्या है ये जो मन में है
ये जो भावनाओं का ज्वार है
इसे मुझसे क्यूँ इतना प्यार है
हरदम हरपल
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