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चलो सब खाली करते है,
बोहोत कुछ जो भरा रखा है,
दिल,दिमाग सब सना रखा है,
चलो इसे साफ़ करते हैl
कई बातें, कई शिकवे जो जालो की तरह चिपके है,
सोच की मकड़ी बुने जा रही है जिन्हे,
इन्हे साफ़ करते है,
अपने कल से आज इंसाफ करते हैl
काई जम चुकी है,हरी है जख्मो क
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