
Share0 Bookmarks 88 Reads0 Likes
कमरा छोड़ के जबसे बालकनी में वक़्त बिताना शुरू किया है,
बारहवीं मंजिल से हमें देखकर किसीने मुस्कुराना शुरू किया है,
अब अपने समय को हमने उनकी घडी से चलना सिखा दिया,
नजरबंदी के इस माहौल में किसी से आंख-मिचौली का रिश्ता है हमने बना लियाl
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments