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बार - बार आती है याद,
माँ तेरी मुझको,
दे ना पाया इस जीवन में,
मैं कुछ भी तुझको,
दो वक्त की रोटी ने,
मुझको तुझसे दूर किया,
मिलना भी न हो पाया,
ईश्वर ने तुझको छीन लिया,
तेरा कर्ज मेरी माँ,
मैं कैसे चुकाऊंगा,
तेरी यादों में जीऊँगा,
तुझको भूल न पाऊँगा,
तेरी सेवा कर पाऊँ मैं,
कोई ऐसी राह मिले,
ईश्वर हर जनम में,
मुझको तू ही माँ मिले,
है यही इच्छा अब तो मेरी,
दिल की तमन्ना पूरी हो,
जब भी जनमू इस धरती पर,
माँ मेरी बस तू ही हो|
"बेचैन"
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