1) न उठाओ मेरी मजबूरियों का फायदा,
"बेचैन" मजबूर हूँ मैं कोई मुर्दा तो नहीं हूँ|
2) जिन्दा था तो कहते थे साथ रहना मुश्किल है,
मरते ही रोते हैं कि तुम बिन जिएंगे कैसे|
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